चमोली के नंदनगर में अतिवृष्टि से लापता लोगों की खोज जारी है। सरपाणी लगा कुंतरी गांव से 5 शव बरामद हुए हैं जबकि ससुर और बहू अभी भी लापता हैं। आपदा में 42 परिवार प्रभावित हुए और 15 से ज्यादा मकान मलबे में दब गए। प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविर बनाए गए हैं जहां 100 से ज्यादा लोगों को रखा गया है।
जासं, गोपेश्वर। चमोली के नंदनगर में अतिवृष्टि की चपेट में आकर लापता हुए लोगों की तलाश का काम शुक्रवार को भी जारी रहा। सरपाणी लगा कुंतरी गांव से शुक्रवार को पांच शव मिले।
पहले दो महिलाओं के शव मिले। इसके बाद कांता देवी और उनके दोनों बच्चों विशाल और विकास के शव बरामद हुए। दो लोगों के शव गुरुवार को बरामद हुए थे। अब तक सात शव मिले हैं। कुंतरी गांव में सभी लापता लोगों के शव मिल गए हैं। धुर्मा गांव में लापता ससुर और बहू की तलाश जारी है।
बुधवार रात आई आपदा से 42 परिवार प्रभावित हुए थे। सवा सौ से अधिक लोगों को राहत कैंप में रखा गया है। प्रभावित परिवारों के लिए सैती प्राथमिक विद्यालय, मरिया आश्रम और पूर्ति निरीक्षक गोदाम फाली में राहत शिविर बनाए गए हैं।
आपदा में 15 से अधिक मकान मलबे में दब गए हैं। राहत और बचाव कार्य में अब आइटीबीपी भी जुट गई है। संचार सुविधाओं को दुरुस्त किया जा रहा है।
जिला प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव लगातार जारी है। इस क्रम में आपदा प्रभावित धुर्मा गांव में 200 फूड पैकेट और 23 राशन किट हेली से एसडीआरएफ की टीम द्वारा भेजी गई।
जिलाधिकारी संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार आपदा प्रभावित क्षेत्र का लगातार निरीक्षण कर रहें हैं, इस क्रम में जिलाधिकारी ने बताया कि सेरा -धुर्मा सड़क जो आपदा से पूरी तरह वास आउट हो गयी थी उसे सुचारु करने का कार्य किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि राहत सामग्री रासन किट पंहुचाने और पैदल मार्ग से लोगों के आवागमन को बहाल करने का प्रयास किया जा रहा हैं। आशा हैं मार्ग शीघ्र सुचारु कर लिया जाएगा।
जिला प्रशासन द्वारा आपदा प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था की गई। गल्ला गोदाम में कुल 26 लोग तथा मैरा आश्रम में 53 लोग ठहरे, इस प्रकार राहत शिविरों में कुल 79 लोगों ने रात्रि विश्राम किया।