मौसम की मार, बंद रास्ते, और टूटती सांसों के बीच एक पिता का हौसला हर चुनौती पर भारी पड़ा। मसूरी के एक दूरस्थ गांव में जब डेढ़ साल का मासूम बेटा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था, तब न कोई सड़क खुली थी, न आसमान उड़ान भरने दे रहा था। ऐसे में पिता ने बेटे को गोद में उठाया और बिना रुके 18 किलोमीटर तक पहाड़ों में दौड़ लगाई।
चार दिन से निमोनिया से पीड़ित डेढ़ साल के बेटे की सांस टूट रही थी। रेस्क्यू करने के लिए पहुंचे हेलिकॉप्टर के खराब मौसम के कारण उड़ने की आस भी छूट गई लेकिन पिता की आस नहीं टूटी और 18 किलोमीटर दौड़कर बच्चे को अस्पताल पहुंचाया।