रैली निकाल मई दिवस के शहीदों को याद किया

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समाचार शगुन हल्द्वानी उत्तराखंड 

मई दिवस आयोजन समिति के बैनर तले नगरपालिका प्रांगण से एक रैली निकाली गई, जो शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए शहीद चौक लखनपुर पर पहुंच जनसभा में परिवर्तित हो गई। जहां वक्ताओं ने कहा कि इस वर्ष भारत में हम 102वां मई दिवस मना रहे हैं। 1886 में शिकागो, अमरीका के श्रमिकों के बलिदान के 37 वर्षों के बाद, भारत में पहला मई दिवस 1923 को चेन्नई के मरीना बीच पर कॉमरेड सिंगारवेलर द्वारा मई दिवस का झंडा फहरा कर मनाया गया था। मई दिवस 8 घंटे के कार्य दिवस और साथ ही अन्य तमाम अधिकारों को हासिल करने के लिए मजदूर वर्ग के बलिदान के दिन को चिह्नित करता है। एक मई पूरी दुनिया के मजदूर वर्ग का दिन बन गया है लेकिन आज हम ऐसी स्थिति में मई दिवस मना रहे हैं, जब श्रमिकों के जुझारू संघर्षों और कुर्बानियों से हासिल अधिकारों को उलटा जा रहा है और इसलिए मजदूर वर्ग आज सबसे कठिन चुनौतियों का सामना कर रहा है। आज देश के मजदूर, किसान समेत समस्त मेहनतकश अवाम तबाह है। सरकारों की नीतियों के चलते बड़े पैमाने पर छंटनी और वेतन में कटौती, उद्योगों में तालाबंदी हो रही है। समाज के हर तबके की स्थिति बिगड़ती जा रही है। घटती मजदूरी और कमजोर होती सामाजिक सुरक्षा, भयानक रूप से बढ़ती गरीबी, भूख और असमानता भारतीय समाज की पहचान हो गई है ।वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सभी कल्याणकारी बोर्डों के साथ-साथ समूची कानूनी और संस्थागत सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है और उसकी जगह ‘ई श्रम पोर्टल’ के रूप में सामाजिक सुरक्षा के भ्रम को फैलाया जा रहा है। मनरेगा योजना से लेकर आशा, आंगनबाड़ी, मिड-डे मील जैसी तमाम सरकारी योजनाओं के लिए बजट आवंटन में भारी कटौती की गई है। सरकार लाभ कमाने के नाम पर तेजी से सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र की सभी संपत्तियों को अपने कॉर्पोरेट मित्रों को बेच रही है। रेलवे के विशाल नेटवर्क से लेकर सड़कों, बंदरगाहों और हवाई अड्डों जैसे बुनियादी ढांचे को भी मुद्रीकरण (एनएमपी) के नाम पर नहीं बख्शा गया है। वक्ताओं ने कहा अडानी और अंबानी की अगुवाई में कुछ चुनिंदा कॉर्पोरेट घरानों ने अभूतपूर्व संपत्ति अर्जित कर ली है और दुनिया के सबसे अमीर व्यापारिक घरानों का दर्जा हासिल किया है। कार्यक्रम के अंत में पहलगाम के मृतकों को श्रद्धांजलि व्यक्त की गई।
कार्यक्रम में चंद्रबल्लभ छिमवाल,नवेंदु मठपाल,नंदराम आर्य,रोहित रुहेला,प्रभात ध्यानी,सुभाष गोला,सुमित कुमार,गिरीश आर्या,मुनीश कुमार,महेश जोशी, लालमणि, कमल किशोर वर्मा, रोहित रुहेला, राजेंद्र पांडे, तुलसी छीमवाल, सरस्वती जोशी, सरोज, राज पांडे,मुनीश कुमार, पीयूष शर्मा, प्रीति छिमवाल,शारदा देवी,बालकृष्ण चंद,नवेंदु जोशी,भुवन चंद्र, मौजूद रहे।

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